नाम - नरेश चंद्र त्रिपाठी
नवप्रवर्तक कोड - 71182960
पद – पूर्व महामंत्री, कानपुर बार एसोसिएशन , कानपुर
परिचय –
नरेश चंद्र त्रिपाठी एक ऐसा नाम जो अपने इलाके में सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचाने जाते हैं। इनका जन्म बेहद ही साधारण परिवार में हुआ। पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और शायद यही वजह है कि जीवन साधनों के अभाव में बीतने के बावजूद और पिता के जज्बे के कारण उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हर बार उन्होंने खुद को मजबूती से खड़ा किया।
नरेश जी का जन्म कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में हुआ। 3 वर्ष की आयु में पिता जी की मृत्यु के बाद बहुत कठिनाई से जीवन यापन किया। छोटी उम्र में ही उन्हें जीवनयापन के लिए खेती का सहारा लेना पड़ा। पढ़ने की ललक की वजह से खेती के साथ साथ वह अपनी पढाई भी करते रहें। जीवन में बेहद संघर्ष के बावजूद उन्होंने सिर्फ प्राइमरी शिक्षा अर्जित नहीं कि बल्कि उन्होंने उच्च शिक्षा भी हासिल किया। उन्होंने बीएससी करने के बाद एलएलबी की पढ़ाई भी पूरी की।
उनका उद्देश्य गरीबों की मदद करना
जिस गरीबी और संघर्ष में उनका जीवन गुजरा उससे वह बीएससी करने के बाद भी नौकरी कर सकते थे मगर उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और गरीब असहायों की मदद करने के लिए कानपुर कचहरी में वकालत का काम शुरू किया। आज नरेश जी लोगों की मदद करने के अपने उद्देश्य को पूर्ण कर रहे हैं। नरेश जी राजनीति से जुड़ कर सार्वजनिक तौर पर लोगों की मदद करना चाहते हैं। वह नगर निगम, तहसील, बिजली विभाग के काम के लिए निशुल्क मदद करते हैं। अभी भी वह अधिक मुकदमे गरीबों की लेते हैं, बिलकुल निशुल्क।
ऐतहासिक आंदोलन का नेतृत्व
एशिया की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन कानपुर बार एसोसिएशन जहां कभी कैलाश नाथ काटजू , मोती लाल नेहरू, कैलाश नाथ, देवी प्रसाद राय जैसे बड़े और नामी वकील जुड़े रहे हैं वहां नरेश जी ने सक्रिय तौर पर कार्य करना प्रारंभ किया। इस एसोसिएशन से जुड़ने के बाद भी उन्हें काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। उनके नेतृत्व में आजादी के पहले और बाद में अब तक का सबसे बड़ा ऐतहासिक आंदोलन हुआ. तीन दिनों तक किसी भी कोर्ट में कोई कार्य नहीं हुआ। हाई कोर्ट का करीब एक लाख वकीलों ने घेराव किया। नरेश जी कानपुर बार एसोसिएशन के महामंत्री भी रहे हैं।
नरेश जी व्यस्त होने के बावजूद अपनी पूरी कोशिश करते है की अपने जन्मस्थान से वह जुड़े रहें। उनकी भरसक यह कोशिश होती है कि कल्याणपुर और पूरे विधानसभा क्षेत्र के सभी कार्यक्रमों में वह शामिल हो पायें चाहे वह दुख या खुशी किसी से भी संबंधित क्यों न हो।
राजनीति में आने का कारण –
नरेश जी का कहना है कि वे कानून को जानते हैं इसीलिए राजनीति में आना चाहते हैं। वह क्षेत्र में प्रगति की बात को तवज्जों देना चाहते हैं, लेकिन राजनीति का अस्तर इतना नीचे आ गया है कि वहां धर्म, जाति के महत्व को प्रमुखता दी जाती है। उनका मानना है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी, गाँधी जी, नेहरू जी की कल्पना वाले भारत को बनाने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही किसान को फसल का सही दाम व नौजवान को नौकरी दिलाने का प्रयास करना चाहिए। नरेश जी इंदिरा गाँधी से बेहद प्रभावित हैं शायद यही वजह है जो वह कांग्रेस से जुड़े हुए हैं।
क्षेत्रीय मुद्दे एवं कार्य –
नरेश चंद्र जी लगातार सामाजिक कार्यों में लगे रहते हैं। उन्होंने कल्याणपुर, अकबरपुर खेड़ा में गंदे पानी का सही इस्तेमाल करने के लिए नालाबनवा कर किसानों को लाभान्वित करवाया । नरेश जी के प्रयास के बाद लोग अब आसानी से एनएसए जा सकते हैं। खेती से जुड़े मुद्दों पर आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मकड़ीखेड़ा, विनायकपुर जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए नरेश जी ने सड़क, नाली, खड़ंजा सही करवाया है। जीटी रोड में लगने वाले जाम का हल निकालने की ओर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया है, नतीजतन वहां फ्लाईओवर बनने का कार्य प्रगति पर है। उनके मुद्दों और कोशिशों में नौजवानों की प्रगति काफी महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका मानना है कि कानपुर में रोज़गार सृजन के लिए काम किये जाने की जरूरत है। वह इसका पुरजोर वकालत करते हैं कि यहां उद्योगों से लेकर जहां कहीं भी रोजगार हो सबसे पहले वह कानपुर के लोगों को ही मिलनी चाहिए।
राष्ट्रीय मुद्दे –
नरेश जी का विचार है कि भारत की एकता, अखण्डता को सही क्रम में चलाने के लिए दृढ़ संकल्पित होना होगा। सीमा सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। पूर्व कानूनों का सही से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। नये कानून बनाये नहीं जा रहे हैं। जनता को इसके लिए जागरूक करना होगा। बेरोजगारी पर कार्य करना होगा। कुटीर उद्योगों को भारत में फैलाना होगा। सभी नागरिकों को सशक्त बनाना होगा। विश्व में भारत की गरिमा को बचाना और मजबूत लोकतंत्र बनाना होगा।
वैश्विक स्तर पर भारत –
नरेश जी के अनुसार धर्म, जाति की राजनीति से ऊपर उठकर उचित मुद्दों को उठाना होगा और उनका हल भी निकालना होगा। सुरक्षा, सुविधा पर ध्यान देकर देश का सशक्तिकरण करना होगा।